God used a flood to destroy the world, what is God’s intention behind?
We all ever read those verses of scripture about God using a flood to destroy the world. In the age of Noah, people of that time had been corrupt to the extreme, which provoked the wrath of God, in the end, those people were destroyed by the flood, and only Noah’s family of eight survived. These two kinds of people have different final ends, what enlightenment does this give us? How should we get to know God’s will? Being faced with the constant occurrence of disasters, what should we do to gain God’s protection? now watch this movie, and we’ll find the answer.

Christian Movie in Hindi Dubbed | नूह का समय आ चुका है | God's Warning to Man in the Last Days (Hindi Dubbed)

आओ नूह के युग के दौरान की मानवता पर पीछे मुड़कर देखते हैं। मनुष्य सभी प्रकार की दुष्ट गतिविधियों में संलग्न था और पश्चाताप करने के लिए उसने विचार भी नहीं किया। किसी ने भी परमेश्वर के वचन को नहीं सुना। उनकी कठोरता तथा बुराई ने परमेश्वर के क्रोध को बढ़ाया और अंत में, वे एक भयंकर बाढ़ की आपदा द्वारा निगल लिये गये। केवल नूह के आठ लोगों के परिवार ने परमेश्वर के वचन को सुना और बच पाने में सफल रहे। अब, अंत के दिन पहले ही आ चुके हैं। मानवता का भ्रष्टाचार और ज्यादा गहरा होता जा रहा है। हर कोई दुष्टता की पूजा कर रहा है। सम्पूर्ण धार्मिक जगत, संसार की धारा का अनुसरण कर रहा है। वे सत्य से थोड़ा सा भी प्रेम नहीं करते। नूह के दिन पहले से ही आ चुके हैं! मानवता को बचाने के लिए, मानवता के बीच अंत के दिनों के न्याय के कार्य करने के लिए, परमेश्वर एक बार फिर वापस आ गये हैं। यह आखिरी बार है जब परमेश्वर मनुष्य को बचायेंगे! मानवता को क्या चुनना चाहिए? यह एक सच्ची कहानी है। चूंकि, सिचुआन प्रांत में किंगपिंग जिले के नागरिकों ने बार-बार सर्वशक्तिमान परमेश्वर के राज्य के सुसमाचार को स्वीकार करने से मना कर दिया है, इसलिए उन्हें आपदा के दो उदाहरणों को झेलना पड़ा है।

प्रचंड सिचुआन भूकंप के दौरान, कई भाई-बहनों जिन्होंने सर्वशक्तिमान परमेश्वर में विश्वास किया, चमत्कारिक रूप से परमेश्वर द्वारा बचा लिए गये और जीवित रहे। ये तथ्य उन लोगों के लिए गवाह बन चुके हैं: जो परमेश्वर को स्वीकारते हैं और उनकी आज्ञा का पालन करते हैं तथा वे जो परमेश्वर से मना करते हैं और उनका विरोध करते हैं। इन दो प्रकार के लोगों के दो बिल्कुल अलग अंत होते हैं!